संदेश

नवंबर 8, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दीपों से सजी अयोध्या

चित्र
  अयोध्या में जारी है दिवाली 

सरयू तट

  अयोध्या कड़ाके की ठंड व शीत लहरी में पतित पावनी सरयू की धारा भी अयोध्या से रूठ गई हैं। गुप्तार घाट से लेकर अयोध्या तक स्नान घाटों से दूर हुई सरयू की मुख्य धारा गोंडा जिले की सीमा से बह रही हैं। भक्त गहरे पाट में बचे पानी से आचमन व स्नान कर रहे हैं। सर्वाधिक परेशानी मोक्ष की कामना लिए धर्मनगरी में अंत्येष्टि के लिए आने वाले लोगों को हो रही है।  अयोध्या नगरी के उत्तर दिशा में बह रही पतित पावनी सरयू की धारा का विशेष महत्व  है। जीवन की अंतिम बेला में अयोध्या में मोक्ष की कामना लिए लोग मठ-मंदिरों में प्रवास करते हैं तो मृत्यु के बाद सरयू तट पर अंत्येष्टि के लिए आते हैं। जनवरी माह में सरयू की मुख्य धारा तेजी से सिमटने लगी है। लक्ष्मण घाट से मुख्य धारा का बहाव तेजी से पाट के बीचों-बीच होता जा रहा है। नदी की मुख्य धारा अयोध्या के घाटों से दूर हो पाट के बीच गोंडा जिले की सीमा में पहुंच गई हैं। हालांकि लक्ष्मण घाट से नदी की धारा का एक सोता सरयू पुल के पश्चिम तक आ तो रहा है लेकिन सरयू पुल के पूरब दिशा स्थित संत तुलसीदास घाट से धारा लगभग छह सौ से 700 मीटर दूर चली गई हैं।

अपने राम के स्वागत में दुल्हन जैसी सज रही अयोध्या

चित्र
अयोध्या   अयोध्या (Ayodhya) में जश्न का माहौल है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है. अब यहां भव्य मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया है. अयोध्या:  अयोध्या (Ayodhya) में जश्न का माहौल है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है. अब यहां भव्य मंदिर का निर्माण भी शुरू हो गया है. खुशी इस बात की भी है इस साल वे अपने आराध्य की जन्मभूमि पर वर्चुअल रूप से ही सही अपनी खुशियों के दीप जला सकेंगे. दुल्हन जैसी सज रही अयोध्या  इस दोहरी खुशी के मौके को खास करने के लिए दीपोत्सव (11 से 13 नवम्बर) अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. पूरी अयोध्या इसकी तैयारियों में जुटी है. जहां देखो काम हो रहा है. रामनगरी की सीमा में घुसते ही तोरणद्वारों का क्रम जारी हो जाता है. रामायण के प्रसंगों के अनुसार इनकी सजावट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसमें से कुछ तो अलग-अलग फूलों से सजाए जाएगे. दीपोत्सव के दौरान अयोध्या रौशनी से नहा उठे इसके लिए हर खंभे, हर पुल, गली, मोहल्ले, चौराहों, घाट और मन्दिरों की भव्य लाइटिंग की जा रही है

इस दीपावली 492 साल बाद भव्य स्वागत को तैयार अयोध्या, 29 हजार लीटर तेल से जगमग होगी रामनगरी

चित्र
अयोध्या   अयोध्या में इस बार दिवाली कुछ खास है, अपने राम के दीदार में अयोध्या का 16 श्रृंगार हो रहा है। इस सुनहरे अवसर पर अयोध्या के 24 घाट दीये की रोशनी से जगमगायेंगे। खास बात यह है कि  दिवाली में कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए है। अबकी दीपोत्सव पर राम की नगरी अयोध्या 5 लाख 51 हजार दीपों से जगमगाएगी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या अपना नाम दर्ज कराएगा। 492 साल बाद यह मौका आया है जब अयोध्या भगवान श्रीराम के भव्य स्वागत की गवाह बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव मनाने की शुरुआत की। इस दौरान 1 लाख 65 हजार दीप जले। वहीं 2018 में 3 लाख 150 दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बना। इसके बाद 2019 में 5 लाख 51 हजार दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बना।  29 हजार लीटर तेल से जगमग होगी अयोध्या रामनगरी अयोध्या में 24 घाटों पर 6 लाख दीये प्रज्जवलित किए जायेंगे। जिसमें 29 हजार लीटर तेल से अयोध्या दीयों की रोशनी से जगमग होगी। इसमें 6 लाख दीये में 7.5 लाख रूई का इस्तेमाल भी होगा। राम मंदिर बनने के निर्णय के बाद से दीपोत्सव के लिए रामनगरी के सा