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6 अक्टूबर को भूमि पूजन फिर 17 अक्टूबर से खेलेंगे बॉलीवुड स्टार रामलीला

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  अयोध्या :  अयोध्या में राममंदिर निर्माण के साथ यहां की होने वाली रामलीला में इस बार बॉलीबुड कलाकरों का तड़का लगेगा. रामनगरी में 17 से 25 अक्टूबर के बीच ऐतिहासिक रामलीला होने जा रही है. इसके लिए 6 अक्टूबर को दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के साथ भूमि पूजन करेंगे. सांसद प्रवेश सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के सांस्कृति विभाग और अयोध्या शोध संस्थान के सहयोग से अयोध्या में रामलीला आयोजित हो रही है. जिसमें बॉलीबुड के कालाकरों द्वारा मंचन किया जाएगा. अगामी 6 अक्टूबर को महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के साथ अयोध्या रामलीला का भूमि पूजन किया जाएगा. इसके साथ ही श्रीलंका में स्थित अशोक वाटिका जहां पर सीता मैया रही थीं, वहां से भी जल व मिट्टी आ रही है. उन्होंने बताया कि 17 अक्टूबर को रामलीला का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी करेंगे. फिल्म स्टार राकेश बेदी ने बताया कि कई सालों से मैं सुभाष मलिक (बबी) के साथ रामलीला कर रहा हूं. हमारी अयोध्या की रामलीला बहुत भव्य होगी. उन्होंने बोला कि मुझे बड़ी खुशी है कि

राम मंदिर निर्माण: टेस्ट पाइलिंग के लिए एक दर्जन स्तम्भ बनकर तैयार

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  अयोध्या राममंदिर निर्माण के लिए प्रथम तल के पत्थर तराशने का कार्य पूरा हो चुका है, बाकी पत्थरों की तराशी का कार्य रामजन्म भूमि परिसर में ही होगा। लिहाजा कार्यशाला से पत्थरों को परिसर तक ले जाने की कवायद तेज हो गई है।                                                कार्यशाला में तराशे गए हैं पत्थर अयोध्या रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर की नींव के फाउंडेशन का निर्माण 15 अक्तूबर के करीब शुरू हो जाएगा। कार्यदाई संस्था एलएण्डटी के विशेषज्ञों की मानें तो नींव के फाउंडेशन का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य जून 2021 तय किया गया है। इसके अन्तर्गत 13 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में एक मीटर व्यास के 12 सौ स्तम्भ सौ फिट गहराई में कंक्रीट गला कर बनाए जाएंगे।  इसके पहले 30 सितम्बर तक टेस्ट पाइलिंग के अन्तर्गत प्रस्तावित एक दर्जन स्तम्भ का निर्माण पूरा हो गया है। करीब सौ मीटर की दूरी पर एक सीध में चार-चार स्तम्भों के तीन सेट तैयार किए गये हैं। अब इसकी क्षमता का परीक्षण होना है जिसके लिए आईआईटी, चेन्नई के विशेषज्ञों का इंतजार हो रहा है। टेस्टिंग के बाद विशेषज्ञों की हरी झंडी मिलते ही मूल फाउंडेशन

अयोध्या में वर्चुअल रामलीला की तैयारी, रिहर्सल में बॉलीबुड स्टार

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अयोध्या अयोध्या के लक्ष्मण किला के मैदान में बॉलीबुड स्टार खेंलेगे रामलीला, होगा लाइव प्रसारण अयोध्या  : राम नगरी अयोध्या के सरयू तट के किनारे बॉलीवुड स्टारों द्वारा होने वाली वर्चुवल रामलीला की तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी स्टार रिहर्सल कर रहे है। 17 अक्टूबर से सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला के मैदान में इस आयोजन की लाइव टेलीकास्ट दिखाया जाएगा। अयोध्या की रामलीला की तैयारी को लेकर कमेटी के अध्यक्ष सुभाष मालिक अपने टेक्निकल टीम के साथ लक्ष्मण किला ग्राउंड का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ कमेटी के जनरल सेक्रेटरी अभय आदित्य सिंह जी भी मौजूद रहे। अयोध्या में होने वाले इस वर्चुअल का किला की जानकारी देते हुए कमेटी के अध्यक्ष सुभाष मलिक ने बताया कि अयोध्या की रामलीला बहुत अद्भुत रामलीला होने जा रही है और यह रामलीला संस्कृति मंत्रालय व अयोध्या शोध संस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से हो रही है। जिसके लिए दिल्ली और मुंबई में रिहर्सल शुरू हो गई है।वहीं बताया कि अयोध्या की रामलीला के मंचन में दर्शकों को आने की स्वीकृति बिल्कुल नहीं है। रामलीला को सिर्फ सैटलाइट चैनल्स, यूट्यूब चैनल और

किसी ने नहीं गिराया बाबरी मस्जिद को'': कोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर पर जमकर आए रिएक्शन

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   अयोध्या   6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के सभी 32 अभियुक्तों को आज बरी कर दिया गया. उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने कहा कि विध्वंस की न तो योजना बनाई गई थी और न ही इसमें कोई "असामाजिक तत्व" शामिल था. 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या के  बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले  के सभी 32 अभियुक्तों को आज बरी कर दिया गया. उत्तर प्रदेश की एक  अदालत  ने कहा कि विध्वंस की न तो योजना बनाई गई थी और न ही इसमें कोई "असामाजिक तत्व" शामिल था. भाजपा नेता  लालकृष्ण आडवाणी,  मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सभी आज इस फैसले के बाद मस्जिद गिराने की साजिश के आरोपों से बरी हो गए. अब इस फैसले पर देश भर से  प्रतिक्रियाएं  सामने आ रही हैं. ट्विटर  पर एक ट्रेंडिंग हैशटैग चलाया जा रहा है ' नो वन किल जैसिका' की तर्ज पर "नो वन डिमोलिश बाबरी" ट्रेंड कराया जा रहा है. 28 साल के इंतजार के बाद आए फैसले के बारे में  कई राजनेताओं,  यहां तक ​​कि अभिनेताओं ने भी ट्वीट किया. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने फैसले को "चौंकाने वाला" बताया. कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा &

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला आने से पहले जानें 10 बड़ी बातें

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बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में बुधवार को लखनऊ की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट फैसला सुनाने वाली है. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की 10 खास बातें -   1 बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का ट्रायल करने वाले स्पेशल जज एस के यादव पिछले साल 30 सितंबर को ही रिटायर होने वाले थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने होने नहीं दिया. इनका कार्यकाल फैसला आने तक बढ़ाने के आदेश जारी किए. 2 आदेश के मुताबिक यूपी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया और उनका कार्यकाल फैसला आने तक बढ़ा दिया है. ट्रायल के दौरान जज ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग भी की. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. 3 अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाने के मामले में 28 साल बाद फैसला आएगा. यह मुकदमे के निपटारे और फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तय समयसीमा की अंतिम तारीख है. इस लंबे खिचे मुकदमें ने वास्तविक रफ्तार तब पकड़ी जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे निबटाने की समयसीमा तय की. 4 सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में दो साल के भीतर मुकदमा निपटा कर फैसला सुनाने का आदेश दिया था. इसके बाद तीन बार समय बढ़ाया और अंतिम

अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस पर बहुप्रतीक्षित फैसला कल,क्या बारी हो पाएंगे ये दिग्गज या होगी सजा, पढ़ें पूरा प्रकरण

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  28 साल पुराने अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में फैसले की घड़ी करीब आ गयी है। 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या के विवादित ढांचे को  तोड़ने के कथित षड्यंत्र, भड़काऊ भाषण और पत्रकारों पर हमलों के 49 मुकदमे में आरोपियों पर सीबीआई की विशेष अदालत अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाएगी।  इस फैसले के आने से पहले आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की कमेटी आन बाबरी मस्जिद तथा बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में कहा कि वह फैसला आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देंगे।  एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले के सुनाए जाने से पहले उनके संगठन की कोई बैठक नहीं होगी। इन बीते 28 वर्षों में 49 अभियुक्तों में से 17 की मृत्यु हो चुकी है। लगभग पचास गवाह भी दुनिया से विदा हो चुके हैं। पूरी दुनिया की निगाह बुधवार 30 सितम्बर को लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाए जाने वाले इस फैसले पर लगी हुई हैं। आईये जानते हैं क्या है इस पूरे प्रकरण की पृष्ठभूमि: केस नंबर 197 छह दिसंबर1992 को विवादित ढांचे को  पूरी तरह से ध्वस्त होने के बाद थाना राम

अयोध्या: राम मंदिर (भाग-2 ,2019-2020)

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  4 nov 2019 मालिकाना हक के बारे में देखनी होगी कानूनी स्थिति विवादित जमीन की स्थिति देखते हुए नजूल की जमीन पर मालिकाना हक के बारे मे कानूनी स्थिति देखनी होगी। नजूल की जमीन अगर किसी को आवंटित नहीं की गई है या उसका किसी को उपयोग का लाइसेंस नहीं दिया गया है तो वह जमीन सरकार की होती है। ऐसी जमीन की मालिक सरकार होती है। उस जमीन पर कोई कब्जेदार हो सकता है। कब्जे का प्रकार अलग अलग हो सकता है लेकिन मालिक नहीं हो सकता। 9 nov 2019 सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 70 साल से कानूनी लड़ाई में उलझे और पांच सौ साल से अधिक पुराने देश के सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में विवादित स्‍थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्‍ता साफ करते हुए विवादित भूमि न्यास को सौंपने का आदेश दिया। साथ सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में ही किसी दूसरे स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए। मुख्‍य न्‍यायाधीश ने पढ़ा फैसला  खचाखच भरे कोर्टरूम नंबर-1 में मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने खुद करीब 45 मिनट में पूरे फैसले को पढ़ा। अ

अयोध्या: राम मंदिर (भाग-1 1528-2019)

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  अयोध्या: राम मंदिर  2019 अयोध्या केस की टाइमलाइन... 15 अक्टूबर 2019-  सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस की सुनवाई 16 अक्टूबर 2019 तक पूरी करने की समय सीमा निर्धारित की। 06 अगस्त 2019-  अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिदिन सुनवाई शुरू की। 02 अगस्त 2019-  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता के जरिए अयोध्या केस नहीं सुलझाया जा सकता। साथ ही कोर्ट ने छह अगस्त से केस में प्रतिदिन सुनवाई की तिथि तय की। 08 मार्च 2019-  सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर, श्रीराम पंचू और जस्टिस एफएम खलीफुल्ला को अयोध्या केस में मध्यस्थता करने की मंजूरी प्रदान की। 06 मार्च 2019-  सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता को तैयार हुआ, लेकिन हिंदू महासभा और रामलला पक्ष ने ये कहकर असहमति जताई कि जनता मध्यस्थता के फैसलो को नहीं मानेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के मामले पर फैसला सुरक्षित रखा। 26 फरवरी 2019-  सुप्रीम कोर्ट ने मामले में मध्यस्थता के जरिए विवाद सुलझाने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा था कि अगर इसकी एक फीसद भी गुंजाइश है तो मध्यस्थता होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट अपनी निगरानी में मध्यस्थता के जरि

World toursim day 2020: संवर रही अयोध्‍या, क्‍या तैयार हैं हम

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  अयोध्या     सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो 2030 तक अयोध्या देश की सबसे बड़ी धार्मिक पर्यटन नगरी होगी। अनुमान है कि 10 साल में अयोध्या में हर साल आने वाले पर्यटकों की संख्या 1.70 करोड़ से बढ़कर सवा पांच करोड़ से ज्यादा हो जाएगी। लेकिन क्या रामनगरी अयोध्या के इस विकास का लाभ उनसे जुड़े  गोरखपुर-बस्ती मंडल के पर्यटन उद्योग को भी मिलेगा। विशेषज्ञों की राय में बिल्कुल ऐसा होगा ही लेकिन तभी जब हम पूरी शिद्दत से खुद को इसके लिए तैयार करेंगे। तो आइए जानते  हैं कि इस तैयारी का मतलब क्या है । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा.शरद श्रीवास्तव कहते हैं कि राममंदिर बनने का फायदा पूरे पूर्वांचल को मिलेगा। रामजानकी मार्ग ही नहीं गोरखपुर-बस्ती मंडल के तमाम धार्मिक स्थल, आश्रम और श्रद्धा के केंद्र फोकस में आ जाएंगे। यह एक कारीडोर की तरह होगा। हमें इस मौके का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना है। वहीं पुरातत्व सर्वेक्षण के काम को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए। हमारे यहां बहुत से ऐसे स्थान हैं जिनकी ऐतिहासिकता सामने आनी बाकी है। उदाहरण के लिए पुरातत्ववेत्ता कृष्ण