अयोध्या: राम मंदिर (भाग-2 ,2019-2020)

 4 nov 2019

मालिकाना हक के बारे में देखनी होगी कानूनी स्थिति

विवादित जमीन की स्थिति देखते हुए नजूल की जमीन पर मालिकाना हक के बारे मे कानूनी स्थिति देखनी होगी। नजूल की जमीन अगर किसी को आवंटित नहीं की गई है या उसका किसी को उपयोग का लाइसेंस नहीं दिया गया है तो वह जमीन सरकार की होती है। ऐसी जमीन की मालिक सरकार होती है। उस जमीन पर कोई कब्जेदार हो सकता है। कब्जे का प्रकार अलग अलग हो सकता है लेकिन मालिक नहीं हो सकता।

9 nov 2019

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को 70 साल से कानूनी लड़ाई में उलझे और पांच सौ साल से अधिक पुराने देश के सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में विवादित स्‍थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्‍ता साफ करते हुए विवादित भूमि न्यास को सौंपने का आदेश दिया। साथ सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में ही किसी दूसरे स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए।

मुख्‍य न्‍यायाधीश ने पढ़ा फैसला 

खचाखच भरे कोर्टरूम नंबर-1 में मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने खुद करीब 45 मिनट में पूरे फैसले को पढ़ा। अदालत ने फैसले में केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह तीन महीने के भीतर सेंट्रल गवर्नमेंट ट्रस्ट की स्थापना करे और विवादित स्थल को मंदिर निर्माण के लिए सौंप दे जिसके प्रति हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम का जन्म वहीं पर हुआ था। अदालत ने यह भी कहा कि अयोध्या में पांच एकड़ वैकल्‍प‍िक जमीन सुन्नी वक्‍फ बोर्ड को प्रदान करे।

6 feb 2020

100 रुपये में ट्रस्ट रजिस्ट्रर्ड कराकर एक रुपये में ट्रस्टी को सौंपा

गृहमंत्रालय के अवर सचिव खेला राम मुर्मू ने बुधवार को 100 रुपये के स्टांप पेपर पर ट्रस्ट को पंजीकृत कराया और फिर उसे एक रुपये में परासरन को स्थानांतरित कर दिया। ट्रस्ट के डीड में ही साफ कर दिया गया है कि इसके गठन के बाद सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी यानी यह सरकारी दखल से पूरी तरह मुक्त होगा। फिलहाल ट्रस्ट का पता परासरन के ग्रेटर कैलाश पार्ट-एक स्थित आवास को रखा गया है, जिसे बाद में ट्रस्ट दूसरी जगह स्थानांतरित कर सकता है। ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण और उसके रखरखाव के लिए धन जुटाने और उसके प्रबंधन की पूरी छूट होगी।

25 mar 2020

वैकल्पिक गर्भगृह में चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए रामलला, CM योगी आदित्यनाथ भी रहे मौजूद


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के बीच अयोध्या में रामलला नवरात्र के पहले दिन 25 मार्च को त्रिपाल से निकलकर बुलेटप्रूफ अस्थाई मंदिर में विराजमान हो गए। दो दिन के वैदिक अनुष्ठान के बाद बुधवार सुबह 4 बजे रामलला को शिफ्ट किया गया।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी, सीएम योगी आदित्यनाथ व संत-महंतों की उपस्थिति में शिफ्टिंग का काम पूरा हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला की पूजन और आरती में भाग लिया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि रामलला के मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है। जल्द ही भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा। मुख्यमंत्री ने 11 लाख रुपए का चेक भी रामलला को दान दिया। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला को शिफ्ट कर दिया गया। रामलला की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को ही अयोध्या पहुंच गए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ब्रह्ममुहूर्त में साढ़े चार बजे श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचे और लगभग एक घंटा वहां रहे। अब रामलला के दर्शन इसी अस्थाई मंदिर में होगा। लॉकडाउन की वजह श्रद्धालु अभी दर्शन नहीं कर सकेंगे।

4 aug 2020

भूमि पूजन से पहले सामने आई नए मॉडल की नई तस्वीरें, ऐसा दिखेगा राम मंदिर

राम मंदिर के भू-तल में सिंहद्वार, गर्भगृह, नृत्यद्वार, रंगमंडप बनेगा। इसके अलावा मंदिर में 212 खंभे होंगे। जिसमें से पहली मंजिल में 106 खंभे और दूसरी मंजिल में 106 खंभे बनाए जाएंगे। प्रत्येक खंभे में 16 मूर्तियां होंगी और मंदिर में दो चबूतरे भी होंगे।   


भाग तीसरा जल्दी ही आएगा.................................

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