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अयोध्या : राम मंदिर पर भूकंप-तूफान का नहीं होगा असर, रामभक्तों से मांगी जा रही हैं तांबे की पत्तियां

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 अयोध्या  श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की बैठक में आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश जोशी उर्फ भैया जी और संघ के सह सरकार्यवाह श्री कृष्णगोपाल भी मौजूद रहे. राम मंदिर  भूमि पूजन  के बाद  राम मंदिर निर्माण  की कवायद तेज कर दी गई है. इसी सिलसिले में गुरुवार को बैठक आयोजित की गई. बैठक में चंपत राय, नृपेंद्र मिश्र, गोविंद देव गिरी समेत आईआईटी मद्रास, सीबीआरआई, एल एंड टी के अधिकारियों समेत कुल 10 लोग मौजूद रहे. 36-40 महीने में मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने तक प्रोग्रेस रिपोर्ट के लिए अब डे टू डे मीटिंग हुआ करेगी. आज की बैठक में मंदिर में किए गए विस्तार पर चर्चा हुई. खास तौर पर मंदिर में बढ़ाए गए गुम्बदों की संख्या और शिखर की ऊंचाई पर आने वाले खर्च और लगने वाले समय पर विचार हुआ. साथ ही कम से कम समय मे मुख्य मंदिर का निर्माण कैसे हो सकता है और क्या बदलाव किया जा सकता है. इस पर चर्चा हुई. यह बैठक दिल्ली के नेहरू मेमोरियल लाइब्रेरी में चल रही थी. 

अयोध्या, राम मंदिर: दिल्ली में 20 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक, मास्टर प्लान पर होगी चर्चा

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  अयोध्या,   राम     मंदिर दिल्ली में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति की बैठक में 70 एकड़ परिसर के मास्टर प्लान पर चर्चा होगी... अयोध्या,  रामनगरी अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराज जन्मभूमि मंदिर के भूमि व शिला पूजन के बाद अब इसके निर्माण की प्रक्रिया के गति पकड़ने का इंतजार है। इसी को लेकर नई दिल्ली में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति की बैठक  में 70 एकड़ परिसर के लिए मास्टर प्लान पर महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही ट्रस्ट के महसचिव चम्पत राय नई दिल्ली में पीएम मोदी के साथ वरिष्ठ नेताओं को भूमि पूजन का प्रसाद भी प्रदान करेंगे। नई दिल्ली में  जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद ट्रस्ट की तरफ से अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण में मंदिर के मानचित्र स्वीकृति के लिए आवेदन किया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय के साथ सदस्य डॉ. अनिल मिश्र भी रविवार को नई दिल्ली रवाना हो गए हैं। यह सभी 20 को ट्रस्ट की होने वाली अगली बैठक में भाग लेंगे। इसके साथ ही ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय 20 को ही राष्ट्रपति रामनाथ क

अयोध्या: राम मंदिर में लगने वाले सीमेंट, मिट्टी और मोरंग की होगी जांच, जानिए क्यों हो रहा है ऐसा ?

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 अयोध्या: अयोध्या के रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नींव खोदने और उसे भरने में अभी समय लगेगा। राम मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से एक हजार साल तक सुरक्षित रखने के लिए हर तकनीकी पहलू पर विशेषज्ञ लगातार शोध कर रहे हैं।  रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण में जिन सामग्रियों का उपयोग किया जाना है, पहले उनकी ताकत की जांच की जानी है। फिर इसके बाद उनकी ताकत अथवा क्षमता को बढ़ाने के लिए उसमें विशेष रसायनों का प्रयोग किया जाना है। इन सभी विषयों पर भी सीबीआरआई व आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञ शोध कार्य कर रहे हैं। उनका शोध पूरा होने के बाद ही अगले चरण में निर्माण की प्रक्रिया पर अमल हो सकेगा। उन्होंने बताया कि निर्माण में कौन सी और कहां कि गिट्टी प्रयोग होगी और कहां से मोरंग आएगी, उसका भी परीक्षण होना है। उन्होंने जानकारी दी कि बुंदेलखंड की गिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसी तरह से बेतवा-केन नदी के मोरंग को भी सबसे अच्छा माना जाता है। फिर भी इनका परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईआईटी, चेन्नई के विशेषज्ञों ने दस-दस टन गिट

रिवर फ्रंट के विकास से अयोध्या में एक नवीन पर्यटन आकर्षण स्थल

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 अयोध्या मुख्यमंत्री श्री  @myogiadityanath :- अयोध्या के सभी घाटों को संरक्षित करते हुए इनका सौन्दर्यीकरण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुप्तार घाट से नए घाट तक रिवर फ्रंट विकसित किया जाए। रिवर फ्रंट के विकास से अयोध्या में एक नवीन पर्यटन आकर्षण स्थल उपलब्ध होगा। पूरे विश्व में अयोध्या भगवान श्रीराम की नगरी के रूप में जानी जाती है। अयोध्या का पौराणिक महत्व है। इसलिए इसकी पुरातन संस्कृति को अक्षुण्ण रखते हुए अयोध्या को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में स्थानीय स्थापत्य की झलक दिखनी चाहिए राज्य सरकार अयोध्या में मूलभूत पर्यटन सुविधाओं सहित समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। अयोध्या के विकास में और गति आए, इसके लिए हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेकर सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करना आवश्यक है अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इससे जहां एक ओर पर्यावरण संरक्षित व संतुलित रहेगा, वहीं दूसरी ओर इस पवित्र नगरी को एक नई पहचान मिलेगी।

वैश्विक स्तर पर अयोध्या के प्रचार-प्रसार की बेहतर योजना

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 अयोध्या वैश्विक स्तर पर अयोध्या के प्रचार-प्रसार की बेहतर योजना  वैश्विक स्तर पर अयोध्या के प्रचार-प्रसार की बेहतर योजना तैयार की जाए। अयोध्या में गाइड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। इससे जहां एक ओर पर्यटकों को सुविधा होगी,वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सुलभ होंगे|| मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कहा है कि धर्मशाला एवं विश्रामालय सुविधाओं का विस्तार कराया जाए। ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था की जाए। उन्होंने अयोध्या में हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए।

अयोध्या को सोलर सिटी बनाने का CM योगी ने दिया निर्देश; रिवर फ्रंट, मल्टी लेवल पार्किंग और गाइड तैयार करने को भी कहा

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  अयोध्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सनातन आस्था के प्रतीक प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या को आधुनिकता और परंपरा के अद्भुत संगम के रूप में वैश्विक मानचित्र पर अंकित कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। अयो ध्या को 'सोलर सिटी' के रूप में  विकसित करने की जरूरत है। यह अयोध्या को अन्य नगरों के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत करेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने ये बातें गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिष्ठित पंचकोसी, चौदहकोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग से जुड़े विकासकार्यों तेजी से पूरे करें। परिक्रमा मार्ग से जुड़ी परियोजना संचालित करते समय ध्यान रखें कि श्रद्धालुगण पैदल परिक्रमा करते  हैं। अतः परिक्रमा पथ पर यात्री सुविधाओं का विकास करें। अयोध्या विकास प्राधिकरण भी इस कार्य में आवश्यक सहयोग सुनिश्चित करें। 

पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के बाधारहित आवागमन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

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  अयोध्या मुख्यमंत्री श्री  @myogiadityanath   : निकट भविष्य में अयोध्या में देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि सम्भावित है। इसके दृष्टिगत अयोध्या में अच्छे होटलों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए आवश्यक भूमि का चिन्हांकन किया जाए अयोध्या में राम-जानकी मार्ग का निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ कराया जाए। पौराणिक महत्व से जुड़ी इस परियोजना के पूरा हो जाने पर पूर्वांचल के अनेक जनपदों में विकास की रफ्तार तेज होगी। अयोध्या के सभी मार्गों का सुदृढ़ीकरण/चौड़ीकरण/मरम्मत, जो भी आवश्यक हो, उसे प्राथमिकता पर किया जाए। नगर के मुख्य मार्गों के चौड़ीकरण की कार्यवाही में अयोध्या विकास प्राधिकरण का सहयोग भी प्राप्त किया जाए पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं के बाधारहित आवागमन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पंचकोसी, चौदहकोसी तथा चौरासीकोसी परिक्रमा मार्गों को इस प्रकार विकसित किया जाए, जिससे श्रद्धालु सुगमतापूर्वक परिक्रमा कर सकें योध्या में मल्टीलेवल पार्किंग ऐसी हो, जिससे इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा सके। उन्होंने बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने की कार्यवाही तेजी से संचालित

राम मंदिर के लिए दो करोड 11 लाख अतिरिक्त जमा किए

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अयोध्या। अयोध्या। एएफडीए बोर्ड की ओर से रामजन्मभूमि का नक्शा स्वीकृत होने के बाद तीर्थक्षेत्र ट्रस्टने विकास शुल्क के अलावा अन्य शुल्क जोड़कर कुल दो करोड़ 11 लाख 33 हजार 184 रुपये अतिरिक्त शुल्क अदा कर दिया। बताया गया कि रामजन्मभूमि नक्शे के लिए एक करोड़ 79 लाख 45 हजार 477 रुपये विकास शुल्क के अलावा विकास अनुज्ञा शुल्क का डेढ़ लाख, भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क का 64 हजार चार सौ व पर्यवेक्षण शुल्क का 29 लाख 73 हजार 307 रुपये आरोपित किया गया था। निर्धारित शुल्क दो करोड़ 11 लाख 33 हजार 184 रुपये जमा करा दिया गया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि इस शुल्क की अदायगी के बाद अब ट्रस्ट के पदाधिकारी कभी भी स्वीकृत नक्शे को प्राप्त कर सकते हैं। 12879.30 वर्ग मी. कवर्ड एरिया अयोध्या। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण (एएफडीए) बोर्ड में प्रस्तुत नक्शे के बारे में उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ल ने बताया कि नक्शे में कुल कवर्ड एरिया 12879. 30 वर्ग मीटर दर्शाया गया है। इसमें मुख्य मंदिर का क्षेत्रफल 2628.50 वर्ग मीटर, कॉरीडोर का क्षेत्रफल 7343.50 वर्ग मीटर, प्रथम तल पर नि

रामलला के मंदिर समेत पूरे परिसर का नक्शा स्वीकृत

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अयोध्या   अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण (एएफडीए) बोर्ड की बुधवार को हुई बैठक में रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर समेत सम्पूर्ण क्षेत्र के ले-आउट से सम्बन्धित नक्शे को सर्वसम्मति से मंजूरी प्रदान कर दी गई। अध्यक्षता मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल ने की। मंडलायुक्त ने बताया कि रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कवर्ड एवं ओपेन क्षेत्र के दो अलग-अलग नक्शे प्रस्तुत किए गए। पीडब्लूडी के शेड्यूल के अनुसार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रस्तुत नक्शे के मॉडल की निर्माण लागत का आकलन किया गया। अनुमानित लागत करीब 15 करोड़ थी : नगर आयुक्त और एएफडीए के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ल ने बताया कि इस आकलन के मुताबिक अनुमानित लागत करीब 15 करोड़ थी। इसी के अनुसार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने लेबर सेस के रूप में 15 लाख 363 रुपये की डीडी उ.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के नाम बनवाकर विकास प्राधिकरण कार्यालय को उपलब्ध करा दी है।

रामजन्मभूमि का नक्शा पास होगा

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  अयोध्या।  अयोध्या-फैजाबाद विकास  प्राधिकरण के 76 वीं बोर्ड की बैठक बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे होगी। यह बैठक पहले 24 अगस्त को होने वाली थी लेकिन इसे टाल दिया गया था। पुनः रामजन्मभूमि के 70 एकड़ परिसर के ले-आउट जमा होने के कारण इसे बुलाया गया है। चूंकि 25 एकड़ तक के क्षेत्रफल में नक्शे की स्वीकृति का अधिकार उपाध्यक्ष को है लेकिन इससे ऊपर का अधिकार बोर्ड में ही निहित है। एएफडीए कार्यालय में बैठक में रामजन्मभूमि के 70 एकड़ परिसर के ले-आउट का मामला अन्य प्रस्ताव में अध्यक्ष की अनुमति से पेश किया जाएगा। बैठक में नक्शे की स्वीकृति होनी तय है।

अयोध्या : मस्जिद के शिलान्यास में CM योगी के नहीं जाने के बयान पर बिफरा विपक्ष, कही ये बात

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अयोध्या    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक निजी टीवी चैनल को दिये गये साक्षात्कार में कहा था, ''एक योगी और हिन्दू होने के नाते वह अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास समारोह में नही जायेंगे.'' उन्होंने कहा था, ''अगर आप एक मुख्यमंत्री की हैसियत से यह सवाल पूछ रहे हैं तो मुझे किसी धर्म, मान्यता या समुदाय से कोई परहेज नहीं है, लेकिन अगर आप मुझसे एक योगी के रूप में पूछ रहे हैं तो मैं हरगिज नहीं जाऊंगा, क्योंकि एक हिन्दू के रूप में मुझे अपनी उपासना विधि का पालन करने का अधिकार है.'' 

हनुमान गढ़ी

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   हनुमान गढ़ी🙏   नगर के केन्द्र में स्थित इस मंदिर में 76 कदमों की चाल से पहुँचा जा सकता है। अयोध्या को भगवान राम की नगरी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां हनुमान जी सदैव वास करते हैं। इसलिए अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन से पहले भक्त हनुमान जी के दर्शन करते हैं। यहां का सबसे प्रमुख हनुमान मंदिर "हनुमानगढ़ी" के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है। कहा जाता है कि हनुमान जी यहाँ एक गुफा में रहते थे और रामजन्मभूमि और रामकोट की रक्षा करते थे। हनुमान जी को रहने के लिए यही स्थान दिया गया था। प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को ये अधिकार दिया था कि जो भी भक्त मेरे दर्शनों के लिए अयोध्या आएगा उसे पहले तुम्हारा दर्शन पूजन करना होगा। यहां आज भी छोटी दीपावली के दिन आधी रात को संकटमोचन का जन्म दिवस मनाया जाता है। पवित्र नगरी अयोध्या में सरयू नदी में पाप धोने से पहले लोगों को भगवान हनुमान से आज्ञा लेनी होती है। यह मंदिर अयोध्या में एक टीले पर स्थित होने के कारण मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 76 सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं। इसके बाद पवनपुत्र हनुमान की 6 इंच की प्रतिमा
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राम की पौढ़ी   राम की पौढ़ी अयोध्‍या में ठीक उसी तरह है जैसे हरिद्वार में हर की पौढ़ी है। यहां नयाघाट है जहां श्रद्धालु अयोध्‍या में सरयु नदी में स्‍नान करते है। इस घाट पर भारी संख्‍या में भक्‍त स्‍नान करने आते हैं और पवित्र नदी में पवित्र डुबकी लगाते है। यहां की वास्‍तविक सीढि़या या पौढि़यां, मूसलाधार बारिश में या नदी के तेज बहाव में बह गई थी। इस घाट की नई सीढि़यों को 1984 - 1985 में उत्‍तर प्रदेश के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री श्री श्रीपति मिश्रा और उनके सिंचाई मंत्री श्री वीर सिंह बहादुर के संयुक्‍त प्रयास से बनवाया गया था।  घाट के लिए पानी सरयु नदी से मोटर पंपों से खिंचा जाता है। घाटों का रखरखाव और पानी की नियमित आपूर्ति, उत्‍तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग के डिवीजन के द्वारा किया जाता है। राम की पौढ़ी में श्री राम से जुड़े समारोह के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है। लोग यहां आकर सरयु के पवित्र जल में स्‍नान करते हैं और मानते हैं कि इससे पाप धुल जाते है।  
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  नागेश्वर नाथ मंदिर कहा जाता है कि नागेश्वर नाथ मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था। माना जाता है जब कुश सरयू नदी में नहा रहे थे तो उनका बाजूबंद खो गया था। बाजूबंद एक नाग कन्या को मिला जिसे कुश से प्रेम हो गया। वह शिवभक्त थी। कुश ने उसके लिए यह मंदिर बनवाया। कहा जाता है कि यही एकमात्र मंदिर है जो विक्रमादित्य के काल के पहले से है। शिवरात्रि पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
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राघवजी का मन्दिर   ये मन्दिर अयोध्या नगर के केन्द्र में स्थित बहुत ही प्राचीन भगवान श्री रामजी का स्थान है जिस्को हम (राघवजी का मंदिर) नाम से भी जानते है मन्दिर में स्थित भगवान राघवजी अकेले ही विराजमान है ये मात्र एक ऐसा मंदिर है जिसमे भगवन जी के साथ माता सीताजी की मूर्ति बिराजमान नहीं है। सरयू जी में स्नान करने के बाद राघव जी के दर्शन किये जाते है।
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कनक भवन   हनुमान गढ़ी के निकट स्थित कनक भवन अयोध्या का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर सीता और राम के सोने मुकुट पहने प्रतिमाओं के लिए लोकप्रिय है। इसी कारण बहुत बार इस मंदिर को सोने का घर भी कहा जाता है। यह मंदिर टीकमगढ़ की रानी ने 1891 में बनवाया था। इस मन्दिर के श्री विग्रह (श्री सीताराम जी) भारत के सुन्दरतम स्वरूप कहे जा सकते है। यहाँ नित्य दर्शन के अलावा सभी समैया-उत्सव भव्यता के साथ मनाये जाते हैं।

अयोध्या दर्शन || Documentary || श्री राम जन्मभूमि

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  अयोध्या अयोध्या में भगवान रामलला की दर्शन अवधि में बदलाव किया गया है। यहां पर दर्शन का समय एक घंटा के लिए बढ़ाया गया है। अयोध्या में प्रथम पाली में दर्शन का समय एक घंटा बढ़ाया गया। अब प्रथम पाली में  रामलला के दर्शन  सुबह 7 बजे से 12 बजे तक हो सकेंगे। यहां पर विश्राम के बाद दूसरी पाली में दो बजे से छह बजे तक दर्शन होते हैं। पहले प्रथम पाली में 7 बजे से 11 बजे तक दर्शन होते थे। राम मंदिर निर्माण की हलचलों की बीच यहां श्रद्धालुओं की आमद भी बढ़ गई है, जिसके कारण अयोध्या में भक्तों भीड़ देखी जा रही है।