18 करोड़ की लागत से संवरेगा तुलसी स्मारक भवन, अयोध्या शोध संस्थान बंद, दफ्तर संग्रहालय में शिफ्ट
अयोध्या : उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था अयोध्या शोध संस्थान के तुलसी स्मारक भवन का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हो गया है। इस नवीनीकरण योजनान्तर्गत स्मारक भवन के दक्षिणी ब्लाक जो कि पूरी तरह से जर्जर हो गया है का ध्वस्तीकरण हो रहा है। इसके कारण भवन में आम लोगों का प्रवेश फिलहाल बंद कर दिया गया है। साथ ही शोध संस्थान के कार्यालय को चौधरी चरण सिंह घाट के बगल स्थित अन्तरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में शिफ्ट कर दिया गया है।
शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ ने बताया कि तुलसी स्मारक भवन के जीर्णोद्धार व नवीनीकरण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 18 करोड़ के आगणन को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके साथ चार करोड़ की प्रथम किश्त कार्यदायी संस्था को आवंटित की गई है। बताया गया कि निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था यूपी स्टेट कांस्ट्रक्शन एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. (यूपी सिटको) को नामित किया गया है। निर्माण आरम्भ करने से पहले पुराने भवन को ध्वस्त करने के लिए भी टेंडर किया गया था।
इस नवीनीकरण योजना में तुलसी स्मारक भवन के दक्षिणी ब्लाक के हिस्से को ध्वस्त कर चार मंजिला बिल्डिंग तैयार की जाएगी। इस बिल्डिंग में लाइब्रेरी, प्रशासनिक भवन, शोध संस्थान का कार्यलय व कांफ्रेंसिंग हाल इत्यादि का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही उत्तरी ब्लाक स्थित दो मंजिला भवन को तीन मंजिला बनाया जाएगा। तीसरी मंजिल पर रामकथा से जुड़ी विदेशी संग्रहों की प्रदर्शनी के लिए वीथिका का निर्माण किया जाएगा। प्रेक्षागृह का नवीनीकरण कर उसे वातानुकूलित किया जाएगा। तुलसी स्मारक भवन का निर्माण वर्ष 1965 में कराया गया था। पूर्व में इसका संचालन जिला प्रशासन की देखरेख में गठित तुलसी स्मारक समिति करती थी। पुन: अयोध्या शोध संस्थान के गठन के बाद भवन का संचालन उसके सुपुर्द किया गया।
अनवरत रामलीला का वार्षिक बजट बढ़कर 50 लाख
प्रदेश सरकार ने अयोध्या शोध संस्थान के तत्वावधान में आयोजित की जाने वाली अनवरत रामलीला का वार्षिक बजट बढ़ा दिया है। पहले यह बजट 36 लाख था जिसको बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। वर्ष 2014 में तत्कालीन मंडलायुक्त विपिनकुमार द्विवेदी ने पीडब्ल्यूडी के माध्यम से प्रेक्षागृह के नवीनीकरण के साथ रामलीला का बजट बढ़ाने की संस्तुति की थी। इस बीच 23 नवम्बर 2015 में संस्थान के कर्मी अविनाश कुमार ने सुसाइड करने की घटना के बाद मंचन बाधित हो गया। पुन: रामलीला का दोबारा मंचन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश से शुरू किया गया था।
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