वैदिक व स्मार्ट सिटी के समन्वय का मॉडल बनेगी नव्य अयोध्या, पांच देशों व 25 राज्यों को मिलेगी जमीन
अयोध्या |
राम नगरी में नव्य अयोध्या करीब 740 एकड़ भूमि पर विकसित करने का खाका उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने खींचा है। कुछ सुझावों के साथ अब इसे लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। |
लखनऊ 'सबके राम, सबमें राम...।' श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन पर गूंजे सद्भाव के इन शब्दों के अनुरूप ही अब को आकार देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना के साथ साकार होने वाली नव्य अयोध्या वैदिक और स्मार्ट सिटी के समन्वय का मॉडल होगी। सबसे खास बात यह है कि इसमें पांच देशों और 25 राज्यों के लिए प्रारंभिक तौर पर जमीन आरक्षित की जा रही है।
राम नगरी में नव्य अयोध्या करीब 740 एकड़ भूमि पर विकसित करने का खाका उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने खींचा है। पिछले दिनों प्रस्तावित परियोजना का प्रस्तुतीकरण भी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने किया। कुछ सुझावों के साथ अब इसे लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। श्रीराम की विश्व भर में स्वीकार्यता है, इसलिए माना जा रहा है कि यहां दुनिया भर से श्रद्धालु आएंगे। वे यहां स्थायी ठिकाना भी चाह सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही तय किया गया है कि यहां अन्य राज्यों और देशों के लिए भी जमीन की व्यवस्था की जाएगी।
चूंकि दक्षिण कोरिया ने इसके प्रति रुचि दिखाई है, इसलिए उसी की तरह राम में आस्था रखने वाले देशों के लिए फिलहाल पांच भूखंड, जबकि न्यूनतम 25 राज्यों के लिए जमीन आरक्षित की जा रही है। साथ ही सभी धर्मों के मठ, आश्रम, अतिथि गृृह और समाजसेवी संस्थाओं के लिए भी सौ भूखंड रखे जाएंगे। नव्य अयोध्या के विकास की परिकल्पना कुछ ऐसी है कि सड़कों के दोनों किनारों पर लकदक हरियाली होगी। सूर्योदय होने पर खिड़की से झांकते ही पवित्र सरयू नदी और रामलला के भव्य मंदिर का दर्शन होंगे।
पर्यटन विभाग के प्रस्तावों से अलग होंगे 30 होटल : नव्य अयोध्या के प्लान में पांच फाइव स्टार, दस थ्री स्टार और 15 बजट होटलों के लिए जमीन आरक्षित की जाएगी। यह उन 20 होटलों से अलग होंगे, जिनके लिए नई पर्यटन नीति के तहत प्रस्ताव मिल चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि जमीन की मांग इससे अधिक होगी। ऐसे में कुछ बहुमंजिला भवनों को भी प्लान में शामिल किया जाएगा। सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त सर्विस अपार्टमेंट व मल्टीलेवल पार्किंग की भी व्यवस्था होगी।
धनुषाकार होगी नव्य अयोध्या : प्रस्ताव के मुताबिक, नव्य अयोध्या वैदिक कालीन आम शहरों की तरह धनुष के आकार की होगी। इसमें करीब 80 मीटर चौड़ी सड़कों का संजाल होगा। ये सड़कें ऊपर से सूर्य की किरणों के समान दिखेंगी। इस परियोजना में साठ फीसद जगह हरियाली के लिए छोड़ी जाएगी।
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