राम मंदिर निर्माण: रामजन्मभूमि के गर्भगृह के निकट खुदाई का काम शुरू
अयोध्या
अयोध्या रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नींव के उत्खनन से पहले शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है। हाइड्रोलिक ड्रिल मशीन के जरिए एक मीटर व्यास के सौ फिट गहराई में खुदाई के बाद कंक्रीट गलाने में करीब एक सप्ताह का वक्त लग सकता है। बताया गया कि सतह से जैसे-जैसे ड्रिल मशीन नीचे जाएगी वैसे-वैसे जमीन कड़ी होती जाएगी। इसके साथ ही जमीन के आखिरी सतह तक खुदाई के बाद एक मीटर व्यास के डाए को नीचे से ऊपर तक गड्ढे में डाला जाएगा। इसके बाद इसी डाए के सहारे नीचे तक कंक्रीट डाली जाएगी।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि टेस्ट पाइलिंग का कार्य पूरा होने के बाद एक माह तक पिलर के सेट होने की प्रतीक्षा की जाएगी। इसके बाद भूमिगत पिलर की ताकत को जांचा जाएगा। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ यह समझेंगे कि कंक्रीट में उसकी ताकत बढ़ाने के लिए किसी आवश्यक रसायन को मिलाने की जरूरत है अथवा नहीं। विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक पुन: अक्तूबर माह के द्वितीय सप्ताह से 12 स्थानों पर पाइलिंग का काम शुरू होगा। ट्रस्ट के इंजीनियर दीनानाथ वर्मा के अनुसार टेस्ट पाइलिंग में एक सप्ताह का समय लग सकता है।
मंदिर के चिह्नित स्थल के पूरे क्षेत्रफल में होगी पाइलिंग
70 एकड़ के परिसर में राम मंदिर के लिए चिह्नित स्थल के पूरे क्षेत्रफल में पाइलिंग का कार्य कराया जाएगा। इसके लिए 12 स्थानों पर कराई जाने वाली पाइलिंग के लिए पूरे क्षेत्रफल में निर्धारित दूरी पर अलग-अलग सौ फिट तक खुदाई कर पिलर तैयार किए जाएंगे। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय का कहना है कि परिक्रमा पथ और परकोटे मंदिर का अनिवार्य अंग होते हैं। उन्होंने कहा कि गर्भगृह से लेकर परकोटे तक पूरे हिस्से को ही मंदिर कहा जाता है। इस प्रकार यह हिस्सा करीब-करीब पांच एकड़ का होगा। इस पूरे हिस्से में पाइलिंग होगी।
दिल्ली के लिए निकले चम्पत राय लखनऊ से वापस लौटे
रामजन्मभूमि परिसर में निर्धारित स्थल पर टेस्ट पाइलिंग का कार्य शुरु होने से पहले ट्रस्टी विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने ड्रिल मशीन का पूजन किया। पुन: नारियल फोड़ कर उत्खनन का टेस्ट आरम्भ कराया। इसके बाद मशीन स्टार्ट कर ड्रिल का काम शुरू हो गया है। इस उत्खनन टेस्ट के लिए ही दिल्ली की बैठक में जाने के लिए निकले ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय लखनऊ से वापस लौट आए। इसके अलावा मंदिर के शिल्पकार आशीष सोमपुरा के अलावा निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेन्द्र दास व डा. अनिल मिश्र भी मौके पर मौजूद रहे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें