अयोध्या से होकर श्रवण धाम को निखारने पहुंची विकास गंगा
विश्व मानचित्र पर पर्यटन में निखरती अयोध्या से होकर विकास की गंगा पहुंच गई। |
अंबेडकरनगर : विश्व मानचित्र पर पर्यटन में निखरती अयोध्या से होकर विकास की गंगा आखिरकार श्रवण धाम तक पहुंच गई है। लोक निर्माण विभाग व पर्यटन विभाग इसे चमकाने की तैयारी में जुटा है। दैनिक जागरण में पिछले माह अभियान चलाते हुए श्रवण धाम को संवारने को लेकर आवाज उठाई थी। इसके बाद पर्यटन विभाग की टीम ने मंदिर परिसर और लोक निर्माण विभाग ने सड़क को चमकाने के लिए करीब 15 करोड़ रुपये का खाका तैयार किया है।
पर्यटन विभाग ने किया सर्वे : देखरेख और आर्थिक संकट से दुर्दशा का शिकार श्रवणधाम के दिन जल्द बहुरने वाले हैं। पर्यटन विभाग की टीम बीते दिनों में यहां पहुंचकर सर्वे किया है। मंदिर परिसर को संवारने पर परिसर पर्यटन विभाग 54 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव तैयार कर चुका है। इसमें विद्युतीकरण समेत पक्का घाट, बेंच व पौधारोपण आदि होगा।
श्रवण धाम की चौड़ी और चमाचम होगी सड़क : अयोध्या-अंबेडकनगर राजमार्ग पर अन्नावां बाजार से श्रवण धाम होते हुए पहितीपुर में टांडा-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग तक की 3.30 मीटर चौड़ी सड़क को लोक निर्माण विभाग सात मीटर चौड़ा किया जाएगा। चमाचम सड़क बनाने में 14.57 करोड़ रुपये खर्च करेगा। वहीं अयोध्या से अंबेडकरनगर की बसखारी बाजार तक राजमार्ग का चौड़ीकरण गतिमान है। इससे श्रवण धाम तक पहुंचने का सफर सुहाना होगा।
श्रवण धाम का अयोध्या से जुड़ाव : शिकार करते हुए चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ यहां पहुंचे थे। उनके शब्दभेदी बाण से श्रवण कुमार की इसी संगम तट पर मृत्यु हुई थी। तभी पुत्र शोक में श्रवण कुमार के नेत्रहीन माता चंद्रकला और पिता उद्यान ऋषि ने राजा दशरथ को भी पुत्र वियोग में मृत्यु होने का श्राप देकर अपने प्राण त्यागे थे। परिणाम स्वरूप भगवान श्रीराम का वनगमन और राजा दशरथ की पुत्र वियोग में मृत्यु होना जाना जाता है।
अयोध्या-अंबेडकनगर राजमार्ग पर अन्नावां बाजार से चलकर श्रवण धाम होते हुए पहितीपुर में टांडा-बांदा राष्ट्रीय राजमार्ग तक सड़क के चौड़ीकरण तथा सु²करण के लिए नाबार्ड में प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति और बजट मिलते काम शुरू कराया जाएगा।
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